लोक सभा

लोक सभा जनता के प्रतिनिधियों की सभा है जिनका चुनाव वयस्‍क मतदान के आधार पर प्रत्‍यक्ष चुनाव के द्वारा होता है। संविधान द्वारा परिकल्पित सदन के सदस्‍यों की अधिकतमसंख्‍या 552 है (530 सदस्‍य राज्‍यों का प्रतिनिधित्‍व करने के लिए, 20 संघ राज्‍य क्षेत्रों का प्रतिनिधित्‍व करने के लिए और अधिक से अधिक एग्‍लों इंडियन समुदाय के दो सदस्‍य राष्‍ट्रपति द्वारा नामजद किए जा सकते हैं, यदि उसके विचार से उस समुदाय का सदन में पर्याप्‍त नेतृत्‍व नहीं है)। लोक सभा के कुल चयनात्‍मक सदस्‍यों की संख्‍या का राज्यों के बीच इस तरह वितरण किया जाता है कि प्रत्‍येक राज्‍य को आबंटित सीटों की संख्‍या और राज्‍य की जनसंख्‍या के बीच का अनुपात जहां तक व्‍यवाहारिक हो सभी राज्‍यों के लिए बराबर होता है। वर्तमान में लोक सभा में 545 सदस्‍य हैं। इनमें से 530 सदस्‍य प्रत्‍यक्ष रूप राज्‍यों से चुने गए हैं और 13 संघ राज्‍य क्षेत्रों से, जब‍कि दो का नामजद ऐंग्‍लो इंडियन समुदाय का प्रतिनिधित्‍व करने के लिए राष्‍ट्रपति द्वारा किया जाता है। संविधान का 84वां संसदीय अधिनियम का अनुपालन करते हुए 1971 की जनगणना के आधार पर लोक सभा में विभिन्‍न राज्‍यों को आबंटित किए मौजूदा गई सीटों की कुल संख्‍या जब तक वर्ष 2026 में बाद पहली जनगणना न की जाती है, तब तक अपरिवर्तित रहेगी।

लोक सभा का कार्यकाल जब तक कि इसे पहले भंग न किया जाए इसकी पहली बैठक से नियुक्ति की तारीख से पांच वर्ष की होती है। तथापि, जब आपातकाल की घोषणा लागू रहती है कानून बनाकर यह अवधि संसद द्वारा अवधि एक बार में एक वर्ष से अनधिक बढ़ायी जा समी है और यह घोषणा कार्यरत होना बंद हो जाने के बाद किसी भी हालत में यह छह माह से अधिक नहीं होना चाहिए। अब तक 14 लोक सभाओं का गठन किया जा चुका है।

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