आचार्य चाणक्य ने जीवन की मुश्किलों को पार करने के लिए अपने नीतिशास्त्र में कई उपायों का जिक्र किया है. जिसे अपनाकर इंसान हर परिस्थिति में बिना डगमगाए एक अच्छी जिंदगी जी सकता है. उन्होंने अपनी नीति में कई ऐसी बातें बताई हैं जिसे अपनाकर जीवन को सफल बनाया जा सकता है. आइए आयार्य चाणक्य के बताए ऐसे ही 10 उपायों के बारे में बताते हैं जिस पर अमल कर आप अपना जीवन सफल बना सकते हैं.
नात्यन्तं सरलैर्भाव्यं गत्वा पश्य वनस्थलीम् ।
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छिद्यन्ते सरलास्तत्र कुब्जास्तिष्ठन्ति पादपाः ।।
1. व्यक्ति को कभी सीधा नहीं होना चहिए. चाणक्य ने कुछ इस तरह से उदाहरण दिया है कि जंगल में जो पेड़ सबसे सीधे और चिकने होते हैं उन्हें काटने में समस्याएं नहीं आती, इसलिए उन्हें सबसे पहले काट दिया जाता है.
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2. चाणक्य कहते हैं कि विश्व को चलाने के लिए धन एक मात्र शक्ति है. जिसके पास धन है उसके सगा संबंधी होते हैं. व्यक्ति के धनी होने के कारण उसे सच्चा इंसान माना जाता है. धनी होने से उस व्यक्ति के बेवकूफ होने पर भी उसे बुद्धिमान, विद्वान और योग्य माना जाता है.
3. कोध्र मृत्यु को बुलावा देता है. लालच और लोभ दुख को बुलावा देता है. वहीं विद्या दूध देने वाली गाय के समान है जो मनुष्य की हर जगह रक्षा करती है. इसके अलावा आचार्य चाणक्य कहते हैं कि संतोष करने वाला व्यक्ति कहीं भी आसानी से जीवन यापन कर सकता है.
4. चाणक्य कहते हैं कि बुद्धिमान व्यक्ति को अपना वक्त अध्ययन और मनन में बिताना चाहिए. चाणक्य कहते हैं कि ऐसे व्यक्ति को सुबह जगकर जुआरियों की कहानी (महाभारत), दिन में स्त्रीय के क्रिया-कलापों और रात को चारों की गतिविधियां के बारे में पढ़ना चाहिए.
5 एक अनुशासनहीन इंसान हमेशा दुखी रहता है और दूसरों को भी दुखी करता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसा व्यक्ति समाज में रहता है तो वह नियमों को तोड़कर दूसरे लोगों और खुद के लिए मुश्किलें खड़ा करता है.
6. चाणक्य कहते हैं कि एक स्त्री पुरुष की तुलना में दोगुना आहार लेती है, चार गुणा बुद्धिमान और चालाक होती है. छह गुणा साहसी होती है.
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7. अपने रहस्यों को किसी से जाहिर नहीं करना चाहिए. चाणक्य कहते हैं कि यह आदत आपको बर्बाद कर सकती है.
8. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है. ऐसी कोई मित्रत नहीं जिसमें स्वार्थ ना हो. चाणक्य इसे कड़वा सच बताते हैं.
9. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है. एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान हासिल करता है.
10. आगे चाणक्य कहते हैं कि हमें पहले के बारे में सोचकर पछतावा नहीं करना चाहिए और ना ही भविष्य को लेकर चिंतित होना चाहिए. चाणक्य कहते हैं कि विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीता है.
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