किडनी की बीमारी के 10 संकेत

किडनी की बीमारी के 10 संकेत

किडनी की बीमारी के 10 संकेत

किडनी की बीमारी के 10 संकेत

Renal Sciences | by Dr. Pankaj Kumar Gupta | Published on 14/02/2024

भारत में हर 10 में से एक व्यक्ति किडनी की बीमारी से पीड़ित है और अधिकांश को इसके बारे में पता ही नहीं चलता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इस स्थिति के कोई शुरुआती लक्षण नहीं होते हैं। हालांकि किडनी खराब होने के कुछ लक्षण होते हैं, जिसका अनुभव रोगी को कुछ समय बीत जाने के बाद ही होता है। लेकिन यह लक्षण व्यक्ति को भ्रमित कर सकते हैं। नेशनल किडनी फाउंडेशन का मानना है कि सिर्फ 10 प्रतिशत लोगों को ही किडनी की बीमारी के संकेत का अनुभव होता है।

इसलिए हम सलाह देंगे कि आप लक्षण दिखने पर हमसे या फिर किसी भी अनुभवी गुर्दा रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।

किडनी की बीमारी क्यों होती है?

किडनी की बीमारी एक व्यक्ति को किसी भी उम्र में प्रभावित कर सकती है। वहीं इस रोग के कई कारण होते हैं, जैसे महिलाओं का मूत्र मार्ग छोटा होना, अधिक सक्रिय यौन जीवन। हालांकि किडनी में संक्रमण पुरुष और महिलाओं दोनों को एक समान रूप से परेशान करता है, लेकिन यूटीआई महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है जो किडनी रोग का मुख्य कारण है। हालांकि बच्चों में किडनी की बीमारी भी एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिसके इलाज के लिए तुरंत एक अच्छे पीडिट्रेशियन से मिलना चाहिए।

नीचे कुछ कारण दिए हैं, जो दर्शाते हैं कि किडनी की बीमारी क्यों होती है –

  • मूत्रमार्ग का संक्रमण
  • किडनी की पथरी
  • प्रेगनेंसी
  • डायबिटीज
  • मूत्र कैथेटर का लगा होना
  • पुरुषों में प्रोस्टेट का बढ़ता आकार
  • अधिक सक्रिय यौन जीव
  • कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता
  • रीढ़ की हड्डी की चोट या नर्व डैमेज
  • ब्लैडर का संक्रमण
  • वेसिकोरेटेरल रिफ्लक्स (वीयूआर)

किडनी की बीमारी के 10 संकेत

नीचे किडनी की बीमारी के 10 मुख्य संकेत दिए हैं, जो दर्शाते हैं कि आप इस रोग से पीड़ित हैं और आपको इलाज की सख्त आवश्यकता है –

  • अधिक थकान का होना: यदि आपको लगे कि आपकी ऊर्जा कम हो रही है या फिर आप थके-थके महसूस कर रहे हैं, तो हो सकता है कि आपको किडनी की समस्या है। जब किडनी कार्य नहीं कर पाती है, तो शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होने लग जाते हैं, जिसके कारण व्यक्ति को अधिक थकान का अनुभव होता है और वह किसी भी काम में अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है।
  • नींद में समस्या: जब किडनी खून को फिल्टर नहीं कर पाती है, तब विषाक्त पदार्थ मूत्र मार्ग से निकलने के बजाय शरीर में ही रह जाते है, जिसके कारण नींद में भी समस्या उत्पन्न होती है। सामान्य लोगों की तुलना में किडनी रोग के रोगियों को नींद की समस्या अधिक परेशान करती है।
  • त्वचा का शुष्क होना या खुजली होना: स्वस्थ किडनी रक्त साफ करने के साथ-साथ कई कार्य करते हैं जैसे लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण, हड्डियों को मजबूत करना और रक्त में खनिजों के संतुलन को बनाए रखना है, जिससे त्वचा की समस्या न हो। वहीं शुष्क त्वचा और खुजली किडनी की बीमारी का संकेत देती है।
  • बार-बार पेशाब आना: यदि आपको बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता महसूस हो, तो यह किडनी की बीमारी का संकेत देता है। ऐसा अक्सर रात में ही होता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि हमारी किडनी की फिल्टर करने की क्षमता कम या फिर खत्म हो जाती है, जिससे पेशाब करने की इच्छा भी बढ़ जाती है। इसके अतिरिक्त यह लक्षण प्रोस्टेट के बढ़ते आकार का लक्षण भी हो सकते हैं।
  • मूत्र में रक्त दिखना: मूत्र में रक्त दिखना किडनी में समस्या का एक मुख्य लक्षण है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किडनी रेड ब्लड सेल्स को बनाता है, लेकिन उसका रिसाव मूत्र में हो जाता है।
  • मूत्र में फोम का बनना: मूत्र में अधिक झाग या फिर मूत्र के रंग में बदलाव कई स्वास्थ्य समस्या का संकेत देता है। इसका अर्थ यह है कि आपके शरीर में प्रोटीन की मात्रा अधिक है, जिसके कारण उसका रिसाव मूत्र में हो रहा है। प्रोटीन का मूत्र में होना दर्शाता है कि किडनी अपना सामान्य काम नहीं कर पा रही है।
  • आंख में सूजन और जलन: मूत्र में प्रोटीन के बढ़ने के कारण आंखों के नीचे सूजन आ जाती है और कभी-कभी आंखों में जलन भी होती है। यदि अधिक सूजन और जलन है, तो इसका अर्थ यह है कि प्रोटीन का रिसाव बहुत ज्यादा हो रहा है।
  • टखने और पैर में सूजन: टखने और पैर में सूजन दर्शाता है कि किडनी की कार्यक्षमता को भारी नुकसान हुआ है। सूजन हृदय रोग, लिवर रोग और पैर की समस्या का भी संकेत दे सकता है।
  • भूख कम लगना: यह एक सामान्य लक्षण है। इसके पीछे भी विषाक्त पदार्थ का शरीर में जमाव है।
  • मांसपेशियों में ऐंठन: किडनी खराब होने के कारण शरीर के इलेक्ट्रोलाइट में संतुलन में कमी आती है। इसके कारण शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस की कमी भी हो जाती है।

किडनी की बीमारी के लिए इलाज

यदि समय पर किडनी रोग के बारे में पता चल जाए, तो उचित इलाज से इसकी प्रगति को धीमा किया जा सकता है और किडनी को क्षतिग्रस्त होने से भी रोका जा सकता है। शुरुआती चरणों में इलाज के लिए आहार, जीवनशैली में बदलाव और दवा का उपयोग किया जाता है। कुछ उपायों को कर किडनी की बीमारी को रोका जा सकता है जैसे –

  • फिट और सक्रिय जीवनशैली
  • संतुलित आहार का सेवन करें
  • वजन को नियंत्रण में रखने का प्रयास करें
  • धूम्रपान और तंबाकू के उत्पादों से दूरी बनाएं
  • ओवर द काउंटर दवाओं से सावधान (दर्द निवारक दवाएं)
  • खूब पानी पिएं और खुद को हाइड्रेट करें
  • किडनी का वार्षिक चेकअप ज़रूर करें।

यदि किडनी की कार्यक्षमता सामान्य से 10 प्रतिशत से कम हो जाती है, तो इसके इलाज के लिए डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट का सुझाव डॉक्टर देते हैं। डायलिसिस गुर्दे की विफलता का एक उपचार है, जिसमें शरीर से रक्त को निकाल कर शरीर से बाहर एक मशीन के द्वारा साफ किया जाता है और फिर से उस फिल्टर खून को शरीर में फिर से डाला जाता है। अलग-अलग प्रकार के डायलिसीस होते हैं और किस प्रकार के डायलिसिस का प्रयोग होगा इसका निर्णय डॉक्टर किडनी की स्थिति का आकलन करने के बाद लेते हैं।

किडनी की बीमारी से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

किडनी की बीमारी में क्या खाना चाहिए?

किडनी की बीमारी की स्थिति में रोगी को कुछ चीजों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए जैसे – कम नमक वाले आहार, प्रोटीन, फल, सब्जियां, और ढेर सारा पानी। डाइट के संबंध में एक अनुभवी डाइटिशियन आपकी मदद कर सकते हैं।

किडनी की कौन सी जांच होती है?

किडनी की जांच में सीरम क्रिएटिन, यूरिन एनालिसिस, ब्लड टेस्ट, और इमेजिंग जैसे तकनीक का प्रयोग होता है। इन जांच के आधार पर डॉक्टर किडनी की क्षती के बारे में जान सकते हैं और इसके इलाज के विकल्पों पर विचार कर सकते हैं।

किडनी की बीमारी में क्या नहीं खाना चाहिए?

किडनी रोगी को अधिक नमक, तेल, तला हुआ और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। धूम्रपान, कैफीन, और अल्कोहल का सेवन भी किडनी की स्थिति को और खराब कर सकता है।

किडनी की बीमारी से खुजली क्यों होती है?

किडनी की बीमारी के कारण कई बीमारी हो सकती है जैसे अवसाद, एलर्जी, खुजली या सूजन। किडनी अपना सामान्य काम नहीं कर पाती है, जिसके कारण शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं और त्वचा में सूजन और खुजली होने लग जाती है। इस स्थिति के इलाज के लिए तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

किडनी की बीमारी को कैसे पहचाने?

किडनी की बीमारी में रोगी को उल्टी, सिरदर्द, मूत्र में बदलाव, और थकान जैसे लक्षणों का अनुभव होता है। लक्षणों की गंभीरता के आधार पर ही डॉक्टर इलाज के विकल्पों का सुझाव देते हैं

किडनी की बीमारी कैसे ठीक होती है?

किडनी रोग के इलाज के लिए डॉक्टर शुरुआत में दवाएं, जीवनशैल में बदलाव, और नियमित जांच का सुझाव देते हैं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाना सभी के लिए महत्वपूर्ण है।

किडनी में कौन-कौन से रोग होते हैं?

किडनी में सामान्य रोगों में गुर्दे की पथरी, किडनी संक्रमण, गुर्दे की सिस्ट, और गुर्दे फेल्योर शामिल है। समय से समय पर जांच और नियमित चेकअप से इन्हें पहचाना जा सकता है और आवश्यकता पड़ने पर इलाज भी किया जा सकता है।

क्या किडनी की बीमारी ठीक हो सकती है?

किडनी की बीमारी को सही उपचार और स्वस्थ जीवन शैली के साथ दुरुस्त किया जा सकता है। निदान के पश्चात त्वरित इलाज बहुत लाभकारी साबित हो सकती है।

This post was last modified on November 21, 2024 6:57 pm